Sadhguru Biography in Hindi | Sadhguru Jaggi Vasudev
Sadhguru Biography in Hindi. आजके इस लेख में हम Sadhguru Jaggi Vasudev के सम्पूर्ण जीवन के बारे में जानेंगे लेकिन उससे पहले एक बार हम उनके जीवन को संछिप्त में जान लेते है|
Sadhguru Quick Bio | |
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Real Name | Jaggi Vasudev |
Nick Name | Sadhguru |
Date of Birth | 3 September 1957 |
Birth Place | Mysore,Karnataka,India |
Age | 65 |
Height | 5' 8'' |
Father | B.V Vasudev |
Mother | Susheela Vasudev |
Wife | Vijaya Kumari![]() |
Daughter | Radhe Jaggi![]() |
Religion | Hinduism |
Profession | Mystic and Yoga Teacher |
Education | Graduate (University of Mysore) |
Hobby | Bike Riding, Trekking, Tree Plantation![]() ![]() |
Awards | Padma Vibhushan (2017) |
Organization | Isha Foundation |
Sadhguru Biography in Hindi | सधगुरु का जीवन परिचय
सधगुरु एक प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु,मिस्टिक,लेखक,कवि और एक ख्याति प्राप्त वक्ता है| इनका असली नाम जग्गी वासुदेव है लेकिन ये पूरी दुनिया में सधगुरु के नाम से विख्यात है|
सधगुरु एक अध्यात्मिक गुरु और प्रेरक वक्ता है जो भारत और पूरी दुनिया में आध्यात्मिकता का प्रसार करते है| ये अपने मजाकिया अंदाज के लिए भी काफी जाने जाते है जहाँ पर ये बड़ी से बड़ी जटिल बातों को हाँस्य के साथ लोगों तक पहुंचाते है|
सधगुरु एक गैर लाभ की संस्था ईशा फाउंडेशन के भी संस्थापक है जो पूरी दुनिया में योग, शिक्षा और पर्यावरण के प्रोग्राम चलाती है| इसके अलावा सधगुरु अपने पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों के लिए भी काफी जाने जाते है|
सधगुरु पूरी दुनिया में भ्रमण करते है और सयुंक्त राष्ट्र और दावोस जैसे कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर भाषण भी दे चुके है| अक्सर आपने इन्हें दुनिया की कई बड़ी यूनिवर्सिटीज को भी संबोधित करते हुए भी देखा होगा|
इन सभी मंचो पर सधगुरु कई सामाजिक विषयों पर बात करते है, इसके अलावा वो भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और हमारे निजी जीवन में परिवर्तन पर भी काफी बेबाकी से बात रखते है|
इनका एक निजी परिवर्तन का प्रोग्राम इनर इंजीनियरिंग काफी प्रसिद्ध है| सधगुरु अकसर कहते है इनर इंजीनियरिंग कोई शिक्षा,फिलोसोफी नहीं है बल्कि एक तकनीक है जिससे आप अपने आप को जान सकते है|
सधगुरु को अगर आधुनिक युग का गुरु कहा जाए तो गलत नहीं होगा| वो और गुरुओं से विपरीत तकनीक के उपयोग के लिए जाने जाते है, सधगुरु के सोशल मीडिया करोड़ों फॉलोअर्स है|
Social Media | Account Link |
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You Tube | Sadhguru |
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Sadhguru Jaggi Vasudev Early Life | सधगुरु जग्गी वासुदेव का शुरूआती जीवन
सधगुरु का जन्म 3 सितम्बर 1957 को मैसूर, कर्नाटक के एक तमिल बोलने वाले ब्राहमण परिवार में हुआ था| ये अपने चार भाई और बहिनों में सबसे छोटे है|
सधगुरु के पिता बी.वी वासुदेव पेशे से भारतीय रेलवे विभाग में एक नेत्र चिकित्सक थे वही इनकी माता सुशीला वासुदेव एक गृहणी थी| इनके पिता की रेलवे की नौकरी की वजह से परिवार को हर कुछ समय में दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ता था, इसकी वजह से सधगुरु ने कम उम्र में ही देश के कई जगहों का भ्रमण कर लिया था|
लगातार भ्रमण करने के कारण से बचपन से ही इनके मन में यात्रा, साहसिक कार्यों और कई चीजों के प्रति जिज्ञासा उत्पन हो गयी थी| वो प्रकृति के प्रति बहुत आकर्षित हो गए थे मानों उससे जुड़ गए हो|
सधगुरु अपने बाल्यकाल में अकसर घंटों जंगल में बिताया करते थे| वे अकसर अपनी बातों के दौरान बताते है की वो कैसे प्रकृति के बीच रहकर घंटों जीव जंतुओं का अवलोकन करते थे|
जब सधगुरु जग्गी वासुदेव केवल 10 साल के थे तब वे श्री राघवेन्द्र स्वामी जी के संपर्क में आये जिन्होंने उन्हें कुछ साधारण योग आसनो के बारे में सिखाया जिनका वो नियमित अभ्यास करते रहे|
युवा अवस्था में सधगुरु को मोटरसाइकिल से बहुत प्रेम हो गया था, वो अकसर शहर की आस पास की पहाड़ियों में मोटरसाइकिल लेकर जाया करते थे, बाद में उन्होंने मोटरसाइकिल पर पुरे भारत का भ्रमण किया|
सधगुरु ने अपनी स्कूल की पढाई डेमोनस्ट्रेशन स्कूल से पूरी की और फिर बाद में मैसूर यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में बैचलर की डिग्री हासिल कर अपना ग्रेजुएशन किया|
Sadhguru Jaggi Vasudev Career | सधगुरु जग्गी वासुदेव का करियर
सधगुरु जब कई बार अपनी जिंदगी के बारे में बताते है तो वो अकसर बताते है की उनका पढाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता था, जब वो स्कूल में थे तो उन्हें कुछ भी समझ नहीं आता था| उन्होंने जब अपना ग्रेजुएशन पूरा किया तो उसके बाद उन्होंने आगे ना पढने का फैसला किया जो उनके परिवार के लिए काफी निराशाजनक था|
सधगुरु ने अपना खुदका ब्यवसाय शुरू किया, उन्होंने सबसे पहले मुर्गी पालन शुरू किया और उसमे उन्हें सफलता भी मिली, इससे अर्जित पैसों से उन्होंने आगे कंस्ट्रक्शन का ब्यवसाय शुरू किया| कुछ ही समय में सधगुरु ने कई सफल ब्यवसाय स्थापित कर दिए, मात्र पच्चीस साल की उम्र तक सद्ध्गुरु जग्गी वासुदेव एक सफल ब्यवसायी बन चुके थे|
Sadhguru Self Realisation | सधगुरु का वास्तविकता बोध
सधगुरु का ब्यवसाय काफी अच्छा चल रहा था लेकिन 23 सितम्बर 1982 को उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया| हमेशा की ही तरह उस दिन भी सधगुरु चामुंडी की पहाड़ी पर अपनी मोटरसाइकिल लेकर गए थे और वहां वो एक चट्टान पर बैठ गए और फिर धीरे धीरे वो ध्यान की अवस्था में चालिए गए|
उस अवस्था में उन्हें अदभुत अध्यात्म का अनुभव हुआ जो तक़रीबन चार पांच घंटों तक चला| सधगुरु कई बार इस घटना के बारे में बताते है और अपने शब्दों में कहते है|
” उस दिन मुझे एक अलग ही एहसास हुआ, मुझे अपने आसपास की हर वस्तु अपने आप में महसूस होने लगी| मेरे आँखों से आंसुओं की धार निकलने लगी और मुझे एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुयी”
इस घटना के कुछ ही हफ़्तों के बाद उन्होंने अपना सारा बिज़नस अपने दोस्तों को सौंप दिया और उस अदभुत एहसास को समझने की यात्रा पर निकल पड़े|
लगभग एक साल यात्रा करने और ध्यान करने के बाद उन्होंने निश्चय किया की वो अब लोगों को योग सिखायेंगे और अपने उस अनुभव को औरों के साथ साँझा करेंगे|
साल 1983 में उन्होंने मैसूर में योग की क्लास शुरू कर दी और लोगों को मुफ्त में योग सिखाने लगे| धीरे धीरे वो उन्होंने पुरे कर्नाटक में योग की दीक्षा देने लगे|
Sadhguru Family | सधगुरु का परिवार
अपने अध्यात्मिक अनुभव के दो साल के बाद 1984 में सधगुरु विजया कुमारी से मैसूर में एक योग क्लास के बाद मिले और फिर समय के साथ दोनों के बीच प्रेम हो गया|
उसी साल महाशिवरात्रि के पावन दिन पर दोनों ने शादी कर ली और फिर साल 1990 में दोनों की एक बेटी हुयी जिसका नाम उन्होंने राधे रखा| साल 1997 में विजया कुमारी ने महासमाधि धारण कर ली|
सधगुरु की बेटी राधे जग्गी एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर है| साल 2014 में राधे जग्गी का विवाह चेन्नई स्थित एक शास्त्रीय गायक सन्दीप नारायण से हुआ|
Start of Isha Foundation | ईशा संस्था की शुरुआत
समय के साथ जैसे जैसे सधगुरु जग्गी वासुदेव की योग क्लास में लोग आकर्षित होने लगे उसी के साथ सधगुरु भी एक अध्यात्मिक गुरु की भूमिका में उभरने होने लगे|
साल 1992 में उन्होंने तमिलनाडू के कोइम्बटोर शहर से 40 किलोमीटर दूर वेल्लिंगिरी की पहाड़ियों में एक गैर लाभ संस्था ईशा फाउंडेशन की स्थापना की जो पूरी तरह से स्वयंसेवकों के द्वारा चलती है|
इस संस्था के अंतर्गत उन्होंने ईशा योग प्रोग्राम चलाया और आज ये संस्था पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है| ये ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई और देशों में भी योग के प्रोग्राम चलाती है|
ईशा फाउंडेशन ना सिर्फ योग बल्कि कई सामाजिक कार्यों में भी जुडी हुयी है| 2003 में इस संस्था ने तमिल नाडू के गाँव के गरीबों के लिए एक Action for Rural Rejuvenation प्रोग्राम शुरू किया|इस प्रोग्राम का लक्ष्य गाँव के गरीबों के स्वास्थ और जीवन में सुधार लाना था|
इसके अलावा इस संस्था ने 2004 में तमिलनाडू में हरियाली के छेत्र को बढाने के लिए Project Green Hand शुरू किया| इस प्रोग्राम के तहत 114 मिलियन पेड़ों को लगाने का लक्ष्य रखा गया| इस प्रोग्राम को भारतीय सरकार के द्वारा साल 2010 में इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरुस्कार भी मिल चूका है|
भारत में सूखती नदियों की दैनीय हालत के प्रति लोगों की जागरूकता बढाने के लिए 2017 में ईशा फाउंडेशन ने Rally for Rivers नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया जिसमे कई राज्य सरकारों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया|
साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईशा फाउंडेशन में आदियोगी की 112 फुट ऊँची प्रतिमा का उद्घाटन किया| इस मूर्ति को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी बस्ट मूर्तिकला का खिताब दिया गया है|
Isha Foundation Official Website >> https://isha.sadhguru.org/
Sadhguru Books | सधगुरु की किताबें
सधगुरु केवल एक गुरु ही नहीं है बल्कि एक लेखक भी है| ये सौ से भी ज्यादा रचनाएँ लिख चुक है जिसमे इनर इंजीनियरिंग उनकी सबसे चर्चित किताब है|
इसके अलावा वो डेथ : एन इनसाइड स्टोरी, आदियोगी : द सोर्स ऑफ़ योगा जैसी और भी चर्चित किताबें लिख चुके है| हाल ही में इनकी नयी किताब कर्मा : अ योगिस गाइड टू क्राफ्टिंग योर डेस्टिनी काफी चर्चाओं में है|
इनकी किताबें आपको अमेज़न, फ्लिप्कार्ट जैसे कई ऑनलाइन स्टोर्स पर बड़ी आसानी से मिल जाएगी|
Interesting Facts About Sadhguru | सधगुरु से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स
- बचपन में सधगुरु अपना काफी समय जंगल में बिताया करते थे इसी दौरान उनका जंगल के जीवों से काफी लगाव हो गया था|
- सधगुरु केवल एक अध्यात्मिक गुरु ही नहीं है बल्कि वो काफी सामाजिक विषयों, प्रयावरण और शिक्षा पर भी काम करते है| उनके द्वारा काफी स्कूल भी चलाये जाते है|
- सधगुरु अपने जवानी के दिनों में अकसर अपने दोस्तों के साथ मैसूर के नजदीक चामुंडी पहाड़ियों पर अपनी मोटरसाइकिल ले जाया करते थे| आज भी उन्हें मोटरसाइकिल चलाना काफी पसंद है|
- सधगुरु ने अपनी पहली योग क्लास मैसूर में 1983 में शुरू की थी|
- सधगुरु ने इनर इंजीनियरिंग नाम का प्रोग्राम शुरू किया था, ये प्रोग्राम बहुत ही जल्द बहुत लोकप्रिय हो गया| आज देश विदेश के कई लोग इस प्रोग्राम का लाभ ले रहे है|
- सधगुरु जेल में बंद कैदियों के लिए भी योग के कई प्रोग्राम किए है|
- साल 1999 में सधगुरु ने ध्यान के लिए एक योगिक मंदिर “ध्यानलिंगा” की स्थापना की|
- इन्होने 2005 में अमेरिका के Tennessee में Isha Institute of Inner Sciences की स्थापना की|
- ग्रामीण छेत्रों में सिक्षा में सुधार के लिए इन्होने ईशा विद्या फाउंडेशन की स्थापना की जिसके द्वारा कई सरकारी स्कूल को गोद लिया गया है|
- सधगुरु हर साल ईशा योग सेंटर में महाशिवरात्रि के दिन एक भब्य आयोजन करते है|
- सधगुरु को खाना बनाने के बहुत शौक है|
- सधगुरु ने फारेस्ट फ्लावर नाम की एक अंग्रेजी पत्रिका भी प्रकाशित की है, इस पत्रिका में उनकी सभी कविताओं को चित्रों के साथ प्रकाशित किया गया है|
- सधगुरु एक अच्छे आर्किटेक्ट भी है, ईशा सेंटर में लगी आदि योगी की भब्य प्रतिमा को इन्होने खुद डिजाईन किया है|
FAQs on Sadhguru Biography in Hindi
सधगुरु का असली नाम क्या है? Sadhguru Real Name
सधगुरु जग्गी वासुदेव
सधगुरु की बेटी का क्या नाम है? Sadhguru Daughter Name
राधे जग्गी
सधगुरु की पत्नी का क्या नाम है? Sadhguru Wife Name
विजया कुमारी
सधगुरु की उम्र क्या है? Sadhguru Age
64 yrs (as in 2021)
सधगुरु की हाइट कितनी है? Sadhguru Height
5′ 8”
सधगुरु ने ईशा फाउंडेशन की शुरुआत कब की? When did Sadhguru start Isha Foundation
1992
उम्मीद है आपको Sadhguru Biography in Hindi के इस लेख में सधगुरु के जीवन से जुडी कई बाते पता चली होगी| सधगुरु वाकई में एक अनोखे योगी है जिन्होंने प्राचीन भारतीय संस्कृति और ज्ञान को आधुनिकता के साथ लोगों तक पहुँचाया है| अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे आगे जरुर शेयर करे|
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